नई दिल्ली, 14 जून 2025 –AP के अनुसार, इज़रायल और ईरान के बीच सैन्य तनाव अपने चरम पर पहुँच गया है, शुक्रवार को इज़रायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य नेताओं पर घातक हमलों के बाद ईरान ने इज़रायल की वाणिज्यिक राजधानी तेल अवीव पर जवाबी मिसाइल हमले किए। इस बढ़ती हिंसा ने मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंता का माहौल है।
हमलों का विवरण और हताहतों की संख्या
ईरान के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि इज़रायल के हमलों में 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए, जिनमें “अधिकांश” नागरिक थे। इन हमलों में प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, परमाणु संवर्धन स्थलों और एक रिफाइनरी को निशाना बनाया गया। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार को भी लक्ष्य बनाया गया, जिससे देश के तीन शीर्ष सैन्य नेताओं की मौत हो गई।
जवाब में, ईरान ने तेल अवीव पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, जिसमें इज़रायल की पैरामेडिक सेवा के अनुसार कम से कम 34 लोग घायल हुए। शुक्रवार देर रात तेल अवीव के रमत गन उपनगर में एक ढही हुई इमारत के अंदर 15 लोग कथित तौर पर फंस गए, और तेहरान हवाई अड्डे पर भी आग लगने की खबर है।
बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि
यह हमला कई हफ़्तों से चल रहे तनाव के बाद हुआ है। गुरुवार को ईरान ने तीसरी परमाणु संवर्धन सुविधा को सक्रिय करने की घोषणा की थी, जिसके तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था ने ईरान को अप्रसार दायित्वों का पालन करने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई थी।
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार भी घरेलू मोर्चे पर दबाव में थी, जो 7 अक्टूबर के हमले के बाद से उनकी सरकार के लिए सबसे गंभीर चुनौती थी। इज़रायल वर्षों से ईरान पर हमले की धमकी दे रहा था, जिसे अमेरिकी प्रशासन मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष भड़कने के डर से रोकने की कोशिश कर रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया
दोनों देशों के नेताओं ने एक-दूसरे को धमकी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बदला लेने की कसम खाते हुए कहा कि ईरान इज़रायल को “उनके द्वारा किए गए इस बड़े अपराध से सुरक्षित रूप से भागने” नहीं देगा। वहीं, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सेना ने “इज़रायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने के लिए” महीनों से योजना बनाई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान से “इससे पहले कि बहुत देर हो जाए” समझौता करने का आग्रह किया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से हमलों को रोकने और “शांति और कूटनीति कायम” करने का आह्वान किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया है और मध्यस्थता की पेशकश की है।
हवाई सुरक्षा और आर्थिक प्रभाव
ईरान के लंबी दूरी के मिसाइल हमले इज़रायल की वायु-रक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती थे, जिसने 7 अक्टूबर, 2023 के युद्ध की शुरुआत के बाद से गाजा, लेबनान, सीरिया, इराक, यमन और ईरान से दागे गए प्रोजेक्टाइल को रोका है। हालांकि, इज़रायल के नेताओं का कहना है कि यह प्रणाली 100% गारंटीकृत नहीं है।
इस बढ़ते संघर्ष का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। तेल की कीमतें 7.3% बढ़ गईं और स्टॉक बाजार में गिरावट देखी गई, क्योंकि बाजार को डर है कि हिंसा बढ़ने से कच्चे तेल के प्रवाह और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
आगे क्या?
मध्य पूर्व में स्थिति अत्यंत अस्थिर बनी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीति के माध्यम से समाधान खोजने का आग्रह कर रहा है, ताकि एक पूर्ण पैमाने के क्षेत्रीय युद्ध को रोका जा सके। यह देखना बाकी है कि क्या यह अपीलें सुनी जाएंगी और क्या दोनों देश तनाव कम करने के लिए कदम उठाएंगे।