एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने पुणे के Military Institute Of Technology का किया दौरा

पुणे, महाराष्ट्र 31मई। समग्र रक्षा स्टाफ के प्रमुख (CISC) एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने हाल ही में पुणे स्थित मिलिट्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MILIT) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं और कटिंग-एज तकनीक के लाइव प्रदर्शन का गहन अवलोकन किया। इस दौरे का उद्देश्य त्रि-सेवा तालमेल, संयुक्तता, रक्षा नवाचार और युद्ध तत्परता को बढ़ावा देना था, ताकि ‘मिशन रेडी और तकनीक-सक्षम’ सशस्त्र बल का निर्माण ‘आत्मनिर्भरता’ के माध्यम से किया जा सके।

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मुख्य बिंदु:

* एयर मार्शल दीक्षित ने सैन्य शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में MILIT के योगदान की सराहना की।

* यह दौरा एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया जा रहा है।

* आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर दिया गया, जो भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण का निरीक्षण:

अपने फील्ड इमर्सन दौरे के दौरान, एयर मार्शल दीक्षित ने MILIT में स्थापित विभिन्न विशिष्ट प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं का दौरा किया। उन्होंने इन प्रयोगशालाओं में किए जा रहे शोध और विकास कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। इसके साथ ही, उन्हें कटिंग-एज तकनीकों के लाइव प्रदर्शन भी दिखाए गए, जो भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होंगी।

त्रि-सेवा तालमेल और संयुक्तता पर बल:

एयर मार्शल दीक्षित ने अपने संबोधन में त्रि-सेवा तालमेल और संयुक्तता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध के बदलते परिदृश्य में, तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) के बीच गहरा समन्वय और संयुक्त संचालन क्षमता ही हमारी युद्ध तत्परता को बढ़ाएगी। उन्होंने रक्षा नवाचार और स्वदेशीकरण (आत्मनिर्भरता) के माध्यम से सशस्त्र बलों को और अधिक सक्षम बनाने की मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ की प्रतिबद्धता को दोहराया।

आत्मनिर्भर रक्षा बल की दिशा में महत्वपूर्ण कदम:

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर विशेष जोर दे रहा है। MILIT जैसे संस्थान, जो अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एयर मार्शल दीक्षित का यह दौरा इन प्रयासों को बल देता है और ‘मिशन रेडी और तकनीक-सक्षम’ सशस्त्र बलों के निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

आगे की राह:

समग्र रक्षा स्टाफ मुख्यालय लगातार ऐसी पहलों को बढ़ावा दे रहा है जो भारतीय सशस्त्र बलों को वैश्विक स्तर पर तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार करती हैं। MILIT जैसी प्रीमियर प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ ऐसे दौरे और संवाद भविष्य की रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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