क्या वाकई ‘मतिभ्रम’ पैदा करने वाले यौगिक ही अब सबसे गंभीर मानसिक बीमारियों का इलाज करेंगे? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि न्यूजीलैंड ने बुधवार, 18 जून, 2025 को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए साइलोसाइबिन (Psilocybin) के औषधीय उपयोग को मंजूरी दे दी है। यह वही मतिभ्रमकारी यौगिक है जो तथाकथित “जादुई मशरूम” (Magic Mushrooms) में पाया जाता है।
डिप्रेशन के ‘अंतिम इलाज’ की उम्मीद
उप-प्रधानमंत्री डेविड सेमोर ने घोषणा की कि नियमों में ढील दी गई है, ताकि साइलोसाइबिन का उपयोग कुछ प्रकार के उपचार-प्रतिरोधी अवसाद (Treatment-Resistant Depression) के इलाज के लिए किया जा सके। यह उन रोगियों के लिए एक बड़ी खबर है जिन्होंने अवसाद से लड़ने के लिए सब कुछ आज़मा लिया है और फिर भी राहत नहीं मिली है।
सेमोर ने कहा, “साइलोसाइबिन एक अस्वीकृत दवा बनी हुई है, लेकिन एक अत्यधिक अनुभवी मनोचिकित्सक को उपचार-प्रतिरोधी अवसाद के रोगियों को इसे लिखने का अधिकार दिया गया है।” उन्होंने जोर दिया, “यदि किसी डॉक्टर को लगता है कि साइलोसाइबिन से मदद मिल सकती है, तो उनके पास इसे आजमाने के लिए उपकरण होने चाहिए।”
कड़े नियम और केवल अनुभवी मनोचिकित्सक
हालांकि, यह मंजूरी सख्त नियमों के साथ आई है। केवल वही मनोचिकित्सक जो साइलोसाइबिन के नैदानिक परीक्षणों में शामिल रहे हैं, उन्हें ही इसे लिखने की अनुमति होगी। इसके अलावा, उन्हें इसके उपयोग की सख्ती से रिपोर्ट देनी होगी और विस्तृत रिकॉर्ड भी रखना होगा।
साइलोसाइबिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला साइकेडेलिक यौगिक है जो मशरूम की कुछ प्रजातियों में मिलता है। यह मतिभ्रम और मन की परिवर्तित स्थिति पैदा कर सकता है।
MDMA और मैजिक मशरूम: मुख्यधारा चिकित्सा में बढ़ते कदम
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एमडीएमए (MDMA) और मैजिक मशरूम जैसी पार्टी ड्रग्स का उपयोग मुख्यधारा की चिकित्सा व्यवस्थाओं में तेजी से किया जा रहा है। इन यौगिकों को पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) और अवसाद के उपचार में सहायक पाया गया है। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने भी 2023 में साइलोसाइबिन के औषधीय उपयोग को मंजूरी दी थी।
क्या यह कदम मानसिक स्वास्थ्य उपचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा? यह देखना बाकी है कि “जादुई मशरूम” का यह चिकित्सीय उपयोग अवसाद से पीड़ित लोगों के जीवन में क्या बदलाव लाता है।