नई दिल्ली 19 जून: भारतीय वित्तीय बाजार अब और भी आसान, सुरक्षित और फायदेमंद होने वाले हैं! भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने आज, गुरुवार, 19 जून, 2025 को कई बड़े और महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है। सेबी अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में ये फैसले लिए गए हैं, जिनका सीधा फायदा निवेशकों, स्टार्टअप्स और विदेशी पूंजी को मिलेगा।
आइए जानते हैं सेबी के 4 बड़े ऐलान:
1. स्टार्टअप संस्थापकों को मिली बड़ी राहत: IPO के बाद भी ESOPs रख सकेंगे!
यह स्टार्टअप्स के लिए एक ‘गेम चेंजर’ है। अब तक, स्टार्टअप के संस्थापकों को अपनी कंपनी के IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) के बाद ‘प्रवर्तक’ माना जाता था और वे कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ESOPs) के हकदार नहीं होते थे। लेकिन सेबी के नए नियम से अब वे IPO के बाद भी अपने ESOPs बनाए रख सकेंगे। हालांकि, किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए, ESOPs जारी करने और IPO के लिए आवेदन करने के बीच एक साल का अंतर रखना जरूरी होगा।
2. सरकारी कंपनियों को शेयर बाजार से निकालना हुआ आसान (PSU Delisting)!
बाजार नियामक ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की स्वैच्छिक डीलिस्टिंग (यानी शेयर बाजार से हटाने) के लिए एक नया और सरल ढांचा मंजूर किया है। अब अगर शेयरधारक मंजूरी देते हैं, तो PSUs को आसानी से शेयर बाजार से हटाया जा सकता है।
3. विदेशी निवेशकों के लिए सरकारी बॉन्ड में निवेश हुआ सरल!
भारत में और अधिक विदेशी पूंजी लाने के लिए, सेबी ने उन विदेशी निवेशकों के लिए नियमों को आसान बना दिया है जो केवल सरकारी बॉन्ड में पैसा लगाते हैं। चूंकि इन बॉन्ड में जोखिम कम होता है, इसलिए उनके लिए पंजीकरण और नियमों का पालन करना अब और आसान होगा। इस कदम से भारत, स्थिर रिटर्न चाहने वाले वैश्विक निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन जाएगा।
4. अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) को मिला नया विकल्प: को-इन्वेस्टमेंट वाहन!
सेबी ने वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के लिए भी बड़े बदलाव किए हैं। अब ये फंड अपने निवेशकों को ‘को-इन्वेस्टमेंट वाहन’ नामक एक अलग व्यवस्था के जरिए मिलकर निवेश करने की इजाजत दे सकते हैं। इसका मतलब है कि बड़े निवेशक अब उन निजी कंपनियों में सीधे अधिक निवेश कर पाएंगे, जिनमें AIF ने पहले ही निवेश किया हुआ है। इसका मकसद बड़े निवेशकों को अच्छे सौदों में सीधे भाग लेने में मदद करना है।
ये सुधार भारतीय वित्तीय बाजारों को अधिक मजबूत, पारदर्शी और सभी के लिए सुलभ बनाने की सेबी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।