नंदीग्राम 25 मई: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अधिकारी ने कहा कि यह बंगाल के लिए एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच एक कामकाजी संबंध बनाने का अवसर खो दिया है।
सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में आयुष्मान भारत, विश्वकर्मा योजना या केंद्र सरकार की कोई अन्य योजना लागू नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह अब एक दिवालिया राज्य है। बंगाल दिवालिया हो चुका है… फिर भी, ममता बनर्जी अपने अहंकार के साथ खड़ी हैं… वह एयरपोर्ट और एम्स के लिए जमीन नहीं दे रही हैं।”
अधिकारी ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य के लोगों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू न करने और केंद्र के साथ सहयोग न करने से राज्य के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ममता बनर्जी ने पहले भी नीति आयोग की बैठकों से दूरी बनाए रखी है, और पिछली बैठक में उन्होंने यह दावा करते हुए बीच में ही छोड़ दिया था कि उनके भाषण के दौरान माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था।