नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में टेस्ट टीम की कप्तानी न संभालने के पीछे के कारणों का खुलासा किया है। उनके इस फैसले ने कई अटकलों पर विराम लगा दिया है और उन्होंने इस बारे में क्या बताया है, आइये जानते हैं पूरी कहानी ।
क्या था मामला?
रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद, जसप्रीत बुमराह को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। वह पहले भी कुछ मैचों में टीम की कमान संभाल चुके थे। लेकिन, अचानक शुभमन गिल को कप्तान बनाए जाने से कई सवाल उठने लगे थे। अब बुमराह ने खुद इस पर खुलकर बात की है।
बुमराह का चौंकाने वाला खुलासा:
जसप्रीत बुमराह ने बताया कि उन्होंने खुद बीसीसीआई (BCCI) से बात कर कप्तानी न लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, “इसमें कोई बड़ी कहानी या विवाद नहीं है। मैंने बीसीसीआई से बात की थी। मेरी सर्जरी हुई थी, मैं उन डॉक्टरों से भी सलाह ले रहा था जिन्होंने मेरी पीठ का इलाज किया। उन्होंने हमेशा कहा कि वर्कलोड को लेकर समझदारी दिखाना जरूरी है।”
टीम हित को दी प्राथमिकता:
बुमराह ने साफ किया कि वह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में सभी मुकाबले नहीं खेल पाएंगे। उन्होंने कहा, “अगर एक सीरीज में कोई तीन टेस्ट खेले और दूसरा दो, और दोनों कप्तान अलग हों, तो इससे टीम को नुकसान हो सकता है। इसलिए मैंने सेलेक्टर्स से साफ कह दिया कि मैं पूरी सीरीज नहीं खेल पाऊंगा, और ऐसे में कप्तानी लेना टीम के लिए सही नहीं होगा। मैंने हमेशा टीम को पहले रखा है।”
कप्तानी से ज्यादा क्रिकेट से प्यार:
तेज गेंदबाज ने यह भी स्वीकार किया कि कप्तानी उनके लिए बहुत मायने रखती थी और उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। लेकिन, उनका मानना है कि उन्हें कप्तानी से ज़्यादा क्रिकेट से प्यार है और वह एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम में अधिक योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि “कभी-कभी आपको बड़ी तस्वीर देखनी पड़ती है।”
इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि जसप्रीत बुमराह का फैसला पूरी तरह से पेशेवर और टीम हित में लिया गया है। उन्होंने अपनी फिटनेस और टीम की स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए कप्तानी की बड़ी जिम्मेदारी को ठुकराया।