लखनऊ 8 सितंबर : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए परिषदीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का ऐलान किया है। विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, कुल 5352 नियमित विशेष शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 80,000 से अधिक दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा प्रदान करना है।
क्यों जरूरी है विशेष शिक्षकों की नियुक्ति?
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, विशेष श्रेणी के बच्चों को अक्सर सीखने, बोलने और व्यवहार से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों की जरूरतों को सामान्य शिक्षक पूरी तरह से नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में, उन्हें पढ़ाने और उनकी क्षमताओं को विकसित करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्यकता होती है।
इन विशेष शिक्षकों की नियुक्ति से दिव्यांग बच्चों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षण मिलेगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया में सुधार होगा। यह पहल ‘समावेशी शिक्षा’ के लक्ष्य को भी मजबूत करेगी, जिसके तहत सभी बच्चों को एक साथ एक ही स्कूल में शिक्षा दी जाती है, भले ही उनकी शारीरिक या मानसिक स्थिति कैसी भी हो।
यह फैसला बेसिक शिक्षा में एक बड़े बदलाव का संकेत है और यह सुनिश्चित करेगा कि दिव्यांग बच्चों को भी शिक्षा का समान अवसर मिले, जिससे वे समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें ।