नई दिल्ली 4 जून: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सरेंडर मोदी’ कहने की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया है। दुबे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पुराना पत्र साझा करते हुए राहुल गांधी को ‘आत्मसमर्पण’ का वास्तविक अर्थ समझाया। यह पत्र पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद चीनी प्रधानमंत्री को लिखा गया था। दुबे ने इसे नेहरू द्वारा चीन के सामने ‘घिघियाकर’ लिखे गए आत्मसमर्पण पत्र के रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
राहुल गांधी की ‘सरेंडर मोदी’ टिप्पणी का ताजा संदर्भ
निशिकांत दुबे का यह तीखा जवाब उस समय आया है जब राहुल गांधी ने कल (4 जून 2025 को) ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ हुए युद्धविराम (Ceasefire) में अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन के बाद, “नरेंद्र… सरेंडर।” राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में एक कांग्रेस कार्यक्रम में यह टिप्पणी करते हुए कहा था, “ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए – इतिहास गवाह है, यही भाजपा-आरएसएस का चरित्र है, ये हमेशा झुकते हैं।”
निशिकांत दुबे का X पोस्ट और पलटवार
राहुल गांधी की इस ताजा ‘सरेंडर मोदी’ वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए, निशिकांत दुबे ने अपने X पोस्ट में लिखा, “सरेंडर जानते हो राहुल बाबा, सरेंडर इसको कहते हैं, आपके परम् पूज्य नाना यानि आयरन लेडी के पिता नेहरु जी का यह पत्र है जनवरी 1963 का भारत के चीन युद्ध के हारने के बाद का। घिघिया कर नेहरु जी चीन के प्रधानमंत्री को लिखे कि आपने भारत का पूर्व क्षेत्र में 20 हज़ार किलोमीटर और पश्चिम में 6 हज़ार किलोमीटर क़ब्ज़ा कर लिया है,आपने हमारे 4 हज़ार सैनिकों को बंधक बना लिया है, फिर भी हमने श्रीलंका के प्रधानमंत्री को अपना नेता बनाकर आपके पास आत्मसमर्पण के लिए भेजा है,आपके आदेश की प्रतीक्षा में -जवाहरलाल नेहरु।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इसके मायने
उल्लेखनीय है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर की गई एक बड़ी सैन्य कार्रवाई है। यह कार्रवाई अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें कई भारतीय नागरिक मारे गए थे। भारत सरकार ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और लक्षित जवाबी कार्रवाई बताया है।
राजनीतिक मायने और आरोप-प्रत्यारोप
भाजपा ने राहुल गांधी की टिप्पणी को भारतीय सशस्त्र बलों का अपमान और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को कमजोर करने का प्रयास बताया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपने बयानों से पाकिस्तान के नैरेटिव को बढ़ावा दे रहे हैं और उनकी मानसिकता देश-विरोधी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणी से ऐसा लगता है कि वह चीन और पाकिस्तान के ‘एजेंट’ हैं।
यह राजनीतिक जंग राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और ऐतिहासिक घटनाओं की व्याख्या को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे गहरे मतभेदों को दर्शाती है। निशिकांत दुबे का नेहरू के पत्र का हवाला देना, कांग्रेस को उसके अपने इतिहास के आइने में घेरने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है।

