लद्दाख, 17 जुलाई 2025: भारत की स्वदेशी वायु रक्षा क्षमताओं को एक और बड़ी सफलता मिली है। आकाश वेपन सिस्टम (Akash Weapon System) के उन्नत संस्करण ‘आकाश प्राइम’ (Akash Prime) ने लद्दाख सेक्टर में उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक दो हवाई हाई-स्पीड मानवरहित लक्ष्यों (ड्रोन) को नष्ट कर दिया। यह परीक्षण भारत की सीमाओं, विशेषकर उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह हथियार प्रणाली 4500 मीटर (लगभग 15,000 फीट) से अधिक की ऊंचाई पर काम करने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित है। इसमें नवीनतम अपग्रेड शामिल हैं, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर (RF Seeker) भी शामिल है, जो इसकी सटीकता और लक्ष्य को भेदने की क्षमता को और बढ़ाता है।
परीक्षण की मुख्य बातें:
* लक्ष्य भेदने में सफलता: ‘आकाश प्राइम’ ने परीक्षण के दौरान दो हाई-स्पीड मानवरहित हवाई लक्ष्यों को सटीक रूप से भेदकर उन्हें नष्ट कर दिया, जो इसकी युद्धक क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
* उच्च-ऊंचाई पर संचालन: इस प्रणाली को विशेष रूप से उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो 4500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर पाई जाती हैं, जैसे कि लद्दाख का क्षेत्र।
* स्वदेशी आरएफ सीकर: इसमें लगा स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर, इसे किसी भी मौसम और भूभाग में बेहतर सटीकता प्रदान करता है। यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat) पहल को भी मजबूत करता है।
* रणनीतिक महत्व: लद्दाख जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में इस उन्नत प्रणाली का सफल परीक्षण भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, खासकर उन खतरों से निपटने में जो ऊंचाई वाले इलाकों से आ सकते हैं।
इस सफल परीक्षण से भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणालियों को और मजबूती मिलेगी, जिससे देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा और अभेद्य हो जाएगी।