अक्तूबर में इज़राइल और हमास के संघर्ष के बाद यमन के हुथी विद्रोहियों के लाल सागर से होकर जाने आने वाले जहाजों पर आक्रमण के खतरों को देखते हुए परिवहन तीन गुना तक मंहगा हो गया है ।
लाल सागर यूरोप के लिए परिवहन का प्रमुख जल मार्ग है लेकिन हुथी विद्रोहियों के कारण शिपिंग कंपनियों को जल मार्गों के वैकल्पिक मार्ग तलाशने पड़ रहे हैं । भारत पर भी इसका स्वाभाविक असर पड़ रहा है । यूरोप से आयात की जानी वस्तुएँ मंहगी होने की संभावना है ।
हुथी विद्रोही हमास को अपना समर्थन जताने के लिए यह हमले कर रहे हैं । व्यापारिक जहाज स्वेज़ नहर से होकर या यमन से हो कर गुजर रहे हैं उन पर यमन के विद्रोहियों का खतरा इन दिनों हमेशा बना रहता है । लाल सागर भारत के लिए एक प्रमुख जल मार्ग है जो शिपिंग कंपनियाँ अपने जहाजों के लिए प्रयोग करती हैं । इस मार्ग के माध्यम से अमरीका के पूर्वी तट ,यूरोप और एशिया के बीच परिवहन होता है ।
अगर जहाज यमन हो कर नहीं जाते तो उन्हे दक्षिण अफ्रीका के वैकल्पिक मार्ग से जाना होता है जिसमें लगभग 30 दिन ज्यादा लगते हैं जिसके व्यापार मंहगा भी हो रहा है और देरी के कारण प्रभावित भी हो रहा है ।