लखनऊ 22 अगस्त : उत्तर प्रदेश में चल रहे मदरसा सर्वेक्षण और उस पर हो रही कार्रवाई के बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने श्रावस्ती जिले में सील किए गए 30 मदरसों को तत्काल खोलने का निर्देश दिया है।
यह फैसला योगी सरकार के लिए एक झटका माना जा रहा है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार ने इन मदरसों को बंद करने से पहले उन्हें सुनवाई का उचित मौका नहीं दिया।
मामले का विवरण:
याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस की तामीली (डिलीवरी) भी सही तरीके से नहीं की गई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि बिना सुनवाई का मौका दिए किसी भी मदरसे को बंद नहीं किया जा सकता।
हालांकि, हाईकोर्ट ने सरकार को यह छूट दी है कि यदि वह चाहे तो नए सिरे से आदेश पारित कर सकती है, लेकिन इसके लिए उसे कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करना होगा और याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका देना होगा।
इस फैसले से उन मदरसों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया था। यह मामला अब उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली के भविष्य को लेकर एक नई बहस छेड़ सकता है।