नोएडा, उत्तर प्रदेश: क्या आपने कभी सोचा है कि दिन भर सड़कों पर घूमकर मोबाइल कवर बेचने वाला एक युवा रात में देश की सबसे कठिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) को क्रैक कर सकता है? यह फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि नोएडा के रोहित कुमार की हकीकत है, जिसने अपनी लगन और मेहनत से असंभव को संभव कर दिखाया है।
अंधेरे में छिपा था एक डॉक्टर का सपना!
रोहित की जिंदगी किसी भी आम युवा से बिल्कुल अलग थी। दिनभर वह धूप में खड़े होकर मोबाइल कवर बेचते थे, ताकि घर का खर्च चल सके। उनकी हथेली पर मोबाइल कवर का भार था, लेकिन आंखों में डॉक्टर बनने का सपना। यह सपना तब और भी मुश्किल लगने लगता था जब वह शाम को थके-हारे घर लौटते थे। लेकिन, रोहित ने हार नहीं मानी।
रातों की मेहनत, सपनों की उड़ान!
रोहित ने अपनी इस अविश्वसनीय यात्रा का खुलासा करते हुए कहा, “मैंने NEET परीक्षा पास कर ली है… मैंने 720 में से 549 अंक प्राप्त किए हैं।” उनके चेहरे पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी। वह बताते हैं, “मुझे उम्मीद है कि मुझे झारखंड के एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल जाएगा… अपनी तैयारी के दौरान, मैं दिन में मोबाइल कवर बेचता था, और फिर रात में पढ़ाई करता था।”
शुरुआत में, रोहित ने स्व-अध्ययन से अपनी तैयारी शुरू की। बाद में, उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म PW (फिजिक्स वाला) के एक बैच में दाखिला लिया, जिसने उनके सपनों को नई उड़ान दी।
“मेरी पूरी जिंदगी बदल गई है…”

आज, जब रोहित अपने भविष्य की दहलीज पर खड़े हैं, तो उनकी आवाज में एक सुकून है। “मुझे ऐसा लगता है कि मेरी पूरी जिंदगी बदल गई है,” उन्होंने कहा। उनकी यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं। रोहित ने साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो गरीबी या संसाधनों की कमी कभी भी कामयाबी की राह में बाधा नहीं बन सकती। उनका यह सफर दिखाता है कि असली डॉक्टर तो वही है, जो दूसरों को जीवन में उम्मीद और प्रेरणा देता है।