सीएम योगी का धर्मांतरण नेटवर्क पर महाप्रहार: ‘सॉफ्ट टेरर’ के खिलाफ यूपी में निर्णायक लड़ाई शुरू, छांगुर गैंग और आगरा रैकेट का भंडाफोड़

लखनऊ, 24 जुलाई, 2025: उत्तर प्रदेश में हिन्दू बेटियों को निशाना बनाकर चलाए जा रहे सुनियोजित धर्मांतरण के एक विशाल और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब निर्णायक प्रहार शुरू हो गया है। हाल ही में बलरामपुर, आगरा और प्रयागराज जैसे जिलों में सामने आए मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह केवल छिटपुट आपराधिक घटनाएँ नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने को भीतर से तोड़ने की एक गहरी, सुनियोजित और अंतरराष्ट्रीय साजिश है। योगी सरकार इसे ‘सॉफ्ट टेरर’ मानते हुए अब पूरी ताकत से कार्रवाई कर रही है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी हुंकार, “सनातन धर्म के विरुद्ध किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” को चरितार्थ करते हुए राज्य पुलिस और एटीएस (ATS) ने कई बड़े धर्मांतरण गिरोहों का पर्दाफाश किया है।

छांगुर गैंग पर योगी का ‘बुलडोजर’: बलरामपुर में धर्मांतरण की फैक्ट्री ध्वस्त

बलरामपुर में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के बहुराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह की कहानियों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (UP ATS) ने धर्मांतरण और अवैध वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए जलालुद्दीन और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को 5 जुलाई को माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था। एटीएस अब अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का भी पता लगा रही है। जलालुद्दीन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था। उसके दो अन्य आरोपी सहयोगी, नवीन उर्फ जलालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन का बेटा), अप्रैल में ही गिरफ्तार कर लखनऊ जेल में बंद हैं।

मुख्यमंत्री योगी की नीति के तहत, संगठित अपराधों में शामिल लोगों की अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। छांगुर और नीतू की लगभग एक एकड़ भूभाग में बनी कोठी, जिसमें 2 बिस्वा सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण था, पर नोटिस चस्पा कर बुलडोजर चला दिया गया है। इसी मामले में आरोपी रऊफ के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसके घर पर भी बुलडोजर कार्रवाई की गई है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से ऐसे गिरोहों की कमर तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

आगरा केस में बड़ा खुलासा: 6 राज्यों तक फैला धर्मांतरण नेटवर्क, 10 गिरफ्तार

आगरा से लापता दो बहनों के रहस्यमयी मामले की जांच करते हुए पुलिस ने एक ऐसे विशाल धर्मांतरण नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसकी जड़ें छह राज्यों – उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक फैली थीं। इस मामले में कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

यह गिरोह हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल, प्रलोभन, भय, विवाह और बहकावे जैसे हथियारों के माध्यम से फँसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कर रहा था। आरोपियों के पास से ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनसे इनके अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संबंध होने के स्पष्ट संकेत मिलते हैं। एक आरोपी के पास से फिलीस्तीन का नक्शा और अरबी में छपे कट्टर इस्लामी विचारधारा वाले पोस्टर मिले हैं, साथ ही ईसाई मिशनरी से जुड़ा साहित्य भी बरामद हुआ है। यह नेटवर्क हिन्दू विरोधी एजेंडे के साथ सक्रिय था और आरोपी युवकों को बाकायदा ‘हिन्दू बेटियों’ को टारगेट करने का प्रशिक्षण दिया जाता था।

पुलिस विवेचना में ऐसे दर्जनों मामलों की पहचान हुई है जिनमें लव जिहाद के माध्यम से लड़कियों को फँसाकर धर्मांतरण किया गया। कई लड़कियों को शादी के झांसे में इस्लाम कबूल कराया गया, कुछ को दुबई भेजने की तैयारी थी, और कुछ को गोद लिया गया बताकर ईसाई मिशनरियों के पास भेजा गया। पुलिस ने इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों के दुरुपयोग का भी खुलासा किया, जहाँ से ये गिरोह हिन्दू लड़कियों से दोस्ती कर उन्हें कट्टरपंथी संगठनों के जाल में फँसाता था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर प्रकरण में जिस तत्परता और प्रतिबद्धता से कार्रवाई सुनिश्चित कराई है, वह बताता है कि उत्तर प्रदेश अब किसी भी हाल में ‘धर्मांतरण उद्योग’ का अड्डा नहीं बनने देगा। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है, “किसी भी कीमत पर यह स्वीकार नहीं किया जाएगा कि हमारी बहन-बेटियों की आस्था और पहचान को खत्म करने का दुस्साहस कोई करे। सनातन विरोधी इस कुचक्र को जड़ से समाप्त किया जाएगा।”

प्रदेश पुलिस और विशेष टास्क फोर्स (STF) द्वारा 18 टीमें गठित कर तकनीकी विशेषज्ञों और साइबर सेल की मदद से सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की गई, जिससे गिरोह की संपूर्ण गतिविधियों का डिजिटल नक्शा खींचा जा सका। आगरा, मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ और गाजियाबाद जैसे शहरों में इस नेटवर्क की गहरी जड़ें पाई गईं। कई युवतियों को धमकाया गया कि अगर उन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया तो उन्हें बदनाम कर दिया जाएगा या उनके परिजनों को नुकसान पहुँचाया जाएगा।

‘सॉफ्ट टेरर’ के खिलाफ सीएम योगी का महाप्रहार: सनातन की रक्षा का राष्ट्रधर्म

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2021 में धर्मांतरण के विरुद्ध कड़ा कानून लागू किया गया था। उस समय भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा था कि ‘लव जिहाद’ जैसे षड्यंत्रों के ज़रिये समाज को बाँटने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हालिया कार्रवाई से यह फिर सिद्ध हुआ है कि प्रदेश में कानून सिर्फ कागजों पर नहीं है, बल्कि हर हाल में लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने संकल्प, शासन क्षमता और अपरिवर्तनीय प्रतिबद्धता के साथ एक योद्धा के रूप में खड़े हैं। यह केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं, यह सनातन की रक्षा का राष्ट्रधर्म है, जिसे उत्तर प्रदेश में अब संकल्प के साथ निभाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में चल रही यह निर्णायक लड़ाई एक चेतावनी भी है: जो भी तत्व भारत की बेटियों की अस्मिता से खेलने और हिन्दू समाज को विभाजित करने का दुस्साहस करेगा, वह उत्तर प्रदेश की धरती पर कहीं नहीं बचेगा।

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