नई दिल्ली 27 मई: नई दिल्ली के ताज पैलेस में आयोजित एजूकेशन टेक समिट में स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय को ‘उत्कृष्ट संस्थान’ के सम्मान से नवाजा गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया।
शिक्षा और तकनीक में सुभारती का योगदान:
इस अवसर पर राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र में सुभारती विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय प्रगति और योगदान की सराहना की। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिसे इस सम्मान से भी मान्यता मिली है।
कुलपति ने जताई खुशी और AI की उपयोगिता पर प्रकाश डाला:
कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल ने आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान सुभारती विश्वविद्यालय की शिक्षा में गुणवत्ता और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने एजूकेशन टेक समिट में पैनल चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला।
नवाचार और पर्यावरण संरक्षण में छात्रों का योगदान:
डॉ. थपलियाल ने जानकारी दी कि सुभारती विश्वविद्यालय नवाचार और तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। हाल ही में, सुभारती इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने नवाचार की मिसाल पेश करते हुए अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक साइकिल का निर्माण किया है। छात्रों ने इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उन महिलाओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है जो साइकिल या स्कूटी चलाना नहीं जानती हैं, और उन्होंने मोनोव्हील इलेक्ट्रिक साइकिल और रेंजर इलेक्ट्रिक साइकिल विकसित की है।
तकनीक और रचनात्मकता का संतुलन:
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि तकनीक ने हमारे जीवन को सुगम बनाया है, लेकिन हमें पूर्ण रूप से तकनीक पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने मस्तिष्क की रचनात्मकता को भी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी को अवगत कराया कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार और राष्ट्रीयता के भाव से अपने विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन कर उन्हें राष्ट्रहित में योगदान देने हेतु प्रेरित कर रहा है।