नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय देश भर में हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रहा है। यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि ‘राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम’ (NHDP) के तहत बुनकरों को वित्तीय सहायता, सामाजिक सुरक्षा और उनके बच्चों के लिए शिक्षा का प्रावधान किया गया है।
हथकरघा बुनकरों के लिए प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं:
* मासिक वित्तीय सहायता: 60 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे हथकरघा बुनकरों/श्रमिकों को, जिनकी वार्षिक आय ₹1.00 लाख से कम है और जो आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में हैं, उन्हें प्रति माह ₹8,000/- की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता उन बुनकरों के लिए है जिन्हें कभी हथकरघा क्षेत्र में पुरस्कार मिला हो।
* बच्चों के लिए छात्रवृत्ति: हथकरघा बुनकरों/श्रमिकों के बच्चों (अधिकतम 2 बच्चे) को ₹2.00 लाख प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह छात्रवृत्ति केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त/वित्त पोषित वस्त्र संस्थानों में डिप्लोमा/स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए दी जाती है।
* सार्वभौमिक और किफायती सामाजिक सुरक्षा: बुनकरों और उनके परिवारों को प्राकृतिक/दुर्घटना से मृत्यु और पूर्ण/आंशिक विकलांगता के मामले में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) जैसी बीमा योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।
वस्त्र निर्यात में भारत का प्रदर्शन:
वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (Directorate General of Commercial Intelligence and Statistics) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में कपास वस्त्रों (जिसमें सूती धागा, सूती कपड़े, मेड-अप्स, अन्य वस्त्र धागा, कपड़े से बने उत्पाद और कच्चे कपास सहित अपशिष्ट शामिल हैं) का कुल निर्यात 35,642 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा है। यह आंकड़ा भारतीय हथकरघा और वस्त्र क्षेत्र की वैश्विक उपस्थिति और क्षमता को दर्शाता है।
सरकार का यह प्रयास हथकरघा क्षेत्र को मजबूत करने, बुनकरों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उनकी कला को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।