न्यू जर्सी, यूएस 26 मई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर तीखा हमला बोला है, जिसमें उन्होंने विदेशी छात्रों की अत्यधिक संख्या, उनकी पहचान छिपाने और विश्वविद्यालय पर यहूदी-विरोधी होने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सरकार हार्वर्ड को दिए जाने वाले अनुदान (ग्रांट) को बंद कर सकती है।
मुख्य आरोप और ट्रंप के बयान:
* विदेशी छात्रों की संख्या: ट्रंप ने कहा कि हार्वर्ड में लगभग 31% छात्र विदेशी हैं, जिसे उन्होंने “बहुत अधिक” बताया। उनका तर्क है कि इससे अमेरिकी छात्रों को वहां प्रवेश मिलने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा, “हमारे पास अमेरिकी हैं जो वहां और अन्य स्थानों पर जाना चाहते हैं और वहां नहीं जा सकते।”
* पहचान की मांग: ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि हार्वर्ड विदेशी छात्रों की सूची उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि ये लोग कौन हैं। …बहुत से विदेशी छात्रों से हमें कोई समस्या नहीं होगी…मुझे विदेशी छात्रों से कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन यह 31% नहीं होना चाहिए, यह बहुत अधिक है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “और मेरा मानना है कि हार्वर्ड के साथ, कई खराब होंगे।”
* फंडिंग पर सवाल: ट्रंप ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि अमेरिकी सरकार हार्वर्ड को अरबों डॉलर का अनुदान देती है, जबकि कोई भी विदेशी सरकार इसमें योगदान नहीं करती। उन्होंने कहा, “कोई भी विदेशी सरकार हार्वर्ड को पैसा नहीं देती। हम देते हैं। तो वे इतने सारे क्यों ले रहे हैं?” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार अब हार्वर्ड को अधिक अनुदान नहीं देगी।
* यहूदी-विरोधी होने का आरोप: ट्रंप ने हार्वर्ड पर यहूदी-विरोधी होने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “वे बहुत यहूदी-विरोधी हैं, हर कोई जानता है कि वे यहूदी-विरोधी हैं, और इसे तुरंत रोकना होगा।”
पृष्ठभूमि और संदर्भ:
यह बयान ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहे तनाव का नवीनतम प्रकरण है। हाल के दिनों में, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड पर कई आरोप लगाए हैं, जिसमें परिसर में यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध होने का दावा शामिल है।
अमेरिकी सरकार ने पहले भी हार्वर्ड को मिलने वाली संघीय फंडिंग को रोकने की कोशिश की है और विदेशी छात्रों के दाखिले पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया है, हालांकि अदालतों ने इन फैसलों पर रोक लगा दी है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इन आरोपों का खंडन किया है और सरकार के कदमों को “मनमाना और गैरकानूनी” बताया है। विश्वविद्यालय का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र उसके अकादमिक और शोध मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और वे संस्थान की वैश्विक प्रतिष्ठा में योगदान करते हैं।
यह मामला अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता, सरकार की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के भविष्य को लेकर एक बड़ी बहस को जन्म दे रहा है।