जम्मू 27 मई: पाकिस्तान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर लगातार बढ़ते ड्रोन खतरों से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) अपनी मारक क्षमता को मजबूत कर रहा है। इसी कड़ी में BSF जम्मू सेक्टर में 12.7mm एंटी-एयरक्राफ्ट गन का उपयोग कर रहा है, जो न केवल ड्रोन बल्कि दुश्मन के अन्य ठिकानों को भी ध्वस्त करने में सक्षम है।
एंटी-एयरक्राफ्ट गन की क्षमता:
एक BSF जवान ने इस शक्तिशाली गन के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “यह दुश्मन के टैंक, कैंप और ड्रोन को नष्ट कर सकती है।” यह दर्शाता है कि BSF अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, जो हवाई और जमीनी दोनों खतरों का मुकाबला कर सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में प्रभावकारी भूमिका:
जवान ने आगे बताया कि इस गन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया और उन्हें अपनी चौकियों (BoPs) को छोड़ने के लिए मजबूर किया।” यह बयान इस गन की युद्धक्षेत्र में प्रभावकारिता और BSF की आक्रामक रणनीति को उजागर करता है।
ड्रोन खतरा और BSF की तैयारी:
हाल के वर्षों में पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के लिए ड्रोन का इस्तेमाल एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इन ड्रोनों का उपयोग अक्सर हथियारों, नशीले पदार्थों और अन्य अवैध सामग्रियों की तस्करी के लिए किया जाता है। BSF इन ड्रोन गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और उन्हें रोकने के लिए विभिन्न उपायों का सहारा ले रहा है, जिसमें यह 12.7mm एंटी-एयरक्राफ्ट गन भी शामिल है।
BSF के इस कदम से स्पष्ट होता है कि वे सीमा पार से होने वाली किसी भी नापाक गतिविधि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।