नई दिल्ली 24 मई : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले एक बहु-करोड़ डॉलर के तकनीकी सहायता धोखाधड़ी (टेक सपोर्ट फ्रॉड) के मास्टरमाइंड भारतीय नागरिक अंगद सिंह चंडोक का संयुक्त राज्य अमेरिका से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण कर लिया है।
चंडोक पर शेल कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से वरिष्ठ अमेरिकी नागरिकों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने का आरोप है। उसे बड़े पैमाने पर ऑनलाइन धोखाधड़ी के संबंध में अमेरिकी अदालत ने दोषी ठहराया था, जिसमें वह और उसके सहयोगी खुद को तकनीकी सहायता प्रदाता के रूप में प्रस्तुत कर पीड़ितों को बड़ी रकम हस्तांतरित करने के लिए धोखा देते थे।
अमेरिकी न्याय विभाग के मार्च 2022 के एक प्रेस बयान के अनुसार, उसे इस योजना में उसकी भूमिका के लिए छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
सीबीआई लंबे समय से चंडोक के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही थी। यह प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच आपराधिक मामलों में बढ़ते सहयोग और अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस मामले में चंडोक और उसके साथियों ने कथित तौर पर एक जटिल जाल बिछाया था, जिसमें फर्जी तकनीकी सहायता हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइटें शामिल थीं। वे पीड़ितों को डराते थे कि उनके कंप्यूटर में गंभीर समस्याएं हैं या वायरस हैं और फिर उन्हें ठीक करने के बहाने उनसे पैसे ऐंठते थे। इस धोखाधड़ी में विशेष रूप से बुजुर्ग अमेरिकी नागरिक निशाना बने थे, जो अक्सर ऐसी तकनीकी चालबाजियों को समझने में असमर्थ होते थे।
सीबीआई अब चंडोक से पूछताछ करेगी और इस धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क को उजागर करने का प्रयास करेगी, जिसमें भारत में उसके अन्य सहयोगी और उनकी कार्यप्रणाली भी शामिल हो सकती है। यह प्रत्यर्पण भारत सरकार की वैश्विक अपराधों से निपटने और न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।