मुख्य बिंदु:
* लखनऊ में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त योगेंद्र मिश्रा पर मारपीट का आरोप।
* आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
* भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराओं में FIR दर्ज।
* विवाद का कारण अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन विभागीय जांच से जुड़ा हो सकता है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश 30 मई: राजधानी लखनऊ में आयकर विभाग के भीतर दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई कथित मारपीट का मामला सामने आया है। इस घटना में संयुक्त आयुक्त (Joint Commissioner) योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग को कथित रूप से assault करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह घटना कल, गुरुवार को हुई थी।
हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 109(1), 121(2), 221, 324(3), 352, 351(3) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 2 और 3 शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद किसी विभागीय जांच या आरटीआई से जुड़ी जानकारी को लेकर शुरू हुआ था। बताया जा रहा है कि गौरव गर्ग को सिर और चेहरे पर चोटें आई हैं, जिसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
FIR में शामिल धाराएं और उनके मायने:
* BNS धारा 109(1): यह किसी अपराध के लिए उकसाने से संबंधित है, जहां उकसाने वाले व्यक्ति को उसी तरह दंडित किया जाता है जैसे उकसाया गया अपराध किया गया हो।
* BNS धारा 121(2): यह लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित है।
* **BNS धारा 221: **यह लोक सेवक द्वारा सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने से संबंधित है।
* BNS धारा 324(3): यह खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित है। इसमें चोट पहुंचाने के लिए किसी वस्तु का उपयोग करना शामिल हो सकता है जिससे मृत्यु होने की संभावना न हो लेकिन गंभीर चोट लग सकती है।
* BNS धारा 352: यह गंभीर उकसावे के अलावा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दंड से संबंधित है।
* BNS धारा 351(3): यह गंभीर धमकियों (जैसे जान से मारने, महिला से दुर्व्यवहार, संपत्ति को नुकसान) से संबंधित है, जिसमें 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
* सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 2: यह “लोक संपत्ति” और “रिष्टि” (Mischief) की परिभाषाओं से संबंधित है।
* सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3: यह लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए दंड से संबंधित है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। यह घटना आयकर विभाग के भीतर हड़कंप मचा रही है और अधिकारियों के बीच विवाद की खबरों ने सभी को चौंका दिया है।
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