नई दिल्ली, 16 जून 2025: केंद्र सरकार ने देश की अगली जनगणना, यानी 16वीं राष्ट्रीय जनगणना के लिए आज (सोमवार) अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही, भारत में बहुप्रतीक्षित जनगणना की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। यह जनगणना मार्च 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है।
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी और आजादी के बाद से यह 8वीं जनगणना है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जिसके बाद 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण टल गई थी।
जनगणना 2027 की खास बातें:
- दो चरणों में होगी जनगणना: जनगणना दो चरणों में होगी – हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) और जनसंख्या गणना (PE)। पहले चरण में मकानों की सूचीकरण का काम होगा, जिसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या की वास्तविक गणना की जाएगी।
- जाति आधारित गणना: इस बार की जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी जुटाए जाएंगे, जो 1931 के बाद पहली बार होगा। इससे विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
- डिजिटल माध्यम का उपयोग: उम्मीद है कि इस बार जनगणना में तकनीक का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें मोबाइल ऐप और सेल्फ-एन्यूमरेशन (स्व-गणना) जैसे विकल्प शामिल हो सकते हैं।
- डेटा सुरक्षा पर जोर: सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनगणना से जुड़े आंकड़ों की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे।
- संदर्भ तिथि: जनगणना के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 निर्धारित की गई है। हालांकि, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और बर्फ से ढके गैर-सिंक्रोनस क्षेत्रों के लिए, संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2026 होगी।
जनगणना किसी भी देश के लिए उसकी जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विकास की जरूरतों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। 2027 की जनगणना से प्राप्त आंकड़े देश की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

