ईरान पर बड़ा साइबर हमला

खतरनाक हमला: इजरायली हैकर्स का ईरान के ‘नोबिटेक्स’ क्रिप्टो एक्सचेंज पर दावा, 48 मिलियन डॉलर की चोरी

तेहरान, ईरान: मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच एक नई साइबर जंग छिड़ गई है। इजरायल से जुड़े बताए जा रहे हैकिंग समूह “गोंजेशके दरंदे” (Gonjeshke Darande), जिसका अर्थ “शिकारी गौरैया” है, ने बुधवार, 18 जून, 2025 को एक सनसनीखेज दावा किया है। इस समूह ने घोषणा की है कि वह 24 घंटे के भीतर ईरान के प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज नोबिटेक्स (Nobitex) के “सोर्स कोड और उनके आंतरिक नेटवर्क से गोपनीय जानकारी जारी करेगा।”

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आतंकी फंडिंग का आरोप और 48 मिलियन डॉलर की चोरी

यह कोई पहली बार नहीं है जब “शिकारी गौरैया” ने नोबिटेक्स को निशाना बनाया है। इस हैकर समूह पर पहले भी इसी ईरानी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक बड़े साइबर हमले में शामिल होने का आरोप है, जिसमें कथित तौर पर 48 मिलियन डॉलर (लगभग 4 अरब रुपये से अधिक) की चौंका देने वाली राशि चुराई गई थी।

IRGC के आतंकी नेटवर्क से जुड़े तार?

नोबिटेक्स, जो डिजिटल मुद्राओं और क्रिप्टो में काम करता है, पर गंभीर आरोप लगे हैं। हैकिंग समूह के अनुसार, यह क्रिप्टो कंपनी ईरानी शासन को आतंकवाद को वित्तपोषित करने में सहायता करती है और वर्चुअल मुद्राओं का उपयोग कर प्रतिबंधों को दरकिनार करने में मदद करती है। ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के आतंकी गतिविधियों को फंड करने में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल का यह दावा, इस साइबर हमले को और भी गंभीर बना देता है।

क्या होगा अगला कदम?

“गोंजेशके दरंदे” द्वारा नोबिटेक्स के आंतरिक डेटा को सार्वजनिक करने की धमकी ने पूरे साइबर जगत और भू-राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। यदि यह जानकारी वास्तव में जारी होती है, तो ईरान के क्रिप्टो-आधारित फंडिंग नेटवर्क और प्रतिबंधों से बचने के तरीकों का बड़ा खुलासा हो सकता है। क्या यह हमला ईरान के IRGC आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ पाएगा? आने वाले 24 घंटे कई बड़े खुलासे कर सकते हैं, जिससे मध्य पूर्व का तनाव और भी बढ़ सकता है।

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