चेन्नई, तमिलनाडु, 2 जुलाई 2025: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (ICMR-NIE) के वैज्ञानिक और निदेशक, डॉ. मनोज वी. मुरहेकर (Dr. Manoj V Murhekar) ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन के निष्कर्षों की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि कोविड-19 टीकाकरण (COVID-19 Vaccination) का अचानक होने वाली मौतों (Sudden Deaths) से कोई संबंध नहीं है। इसके विपरीत, अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 टीकाकरण अचानक होने वाली मौतों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
डॉ. मनोज वी. मुरहेकर ने प्रेस वार्ता में बताया, “हमारा अध्ययन दर्शाता है कि कोविड-19 टीकाकरण का अचानक होने वाली मौतों से कोई संबंध नहीं था।” उन्होंने आगे कहा, “हमने 2023 में एक बहुत बड़ा अध्ययन किया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोविड-19 टीकाकरण अचानक होने वाली मौतों से जुड़ा है। इसमें अचानक हुई मौतों के लगभग 800 मरीजों को शामिल किया गया था, और लगभग 3000 नियंत्रण (नियंत्रण समूह) को अध्ययन में शामिल किया गया था।”
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:
- टीकाकरण का सुरक्षात्मक प्रभाव: डॉ. मुरहेकर ने जोर देकर कहा, “हमारे अध्ययन के निष्कर्षों से संकेत मिला कि कोविड-19 टीकाकरण का अचानक होने वाली मौतों से कोई संबंध नहीं है। इसके विपरीत, हमने पाया कि कोविड-19 टीकाकरण ने अचानक होने वाली मौतों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की। इसलिए, जिन लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगी थी, उनमें अचानक मरने का जोखिम कम था।”
- अचानक मौत से जुड़े अन्य जोखिम कारक: अध्ययन ने अचानक होने वाली मौतों से जुड़े अन्य जोखिम कारकों की भी पहचान की, जिनमें शामिल हैं:
- ऐसे मरीज जिन्हें अतीत में गंभीर कोविड हुआ था।
- जिनको कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी थी।
- जिन लोगों ने अपनी मृत्यु से 48 घंटे पहले असामान्य व्यायाम किया था।
- शराब का अत्यधिक सेवन (Binge drinkers) करने वाले लोग।
- जिनके परिवार में अचानक मौतों का इतिहास रहा हो।
डॉ. मुरहेकर ने अंत में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, “हमारा अध्ययन इंगित करता है कि कोविड-19 टीकाकरण अचानक होने वाली मौतों से जुड़ा नहीं था।” यह अध्ययन उन सभी भ्रांतियों को दूर करने में मदद करेगा जो कोविड-19 वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच संबंध को लेकर फैलाई जा रही थीं। यह लोगों को टीकाकरण के लाभों के प्रति आश्वस्त करने में भी सहायक होगा।