केदारनाथ के घोड़े वाले ने कर दिखाया कमाल! IIT में मिला दाखिला, बनी मिसाल

पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में आज एक ऐसी कहानी गूंज रही है, जिसे सुनकर हर कोई दांतों तले उंगलियां दबा लेगा। केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को घोड़े-खच्चर पर ले जाने वाला एक साधारण सा युवक अब देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान, आईआईटी मद्रास में एमएससी गणित की पढ़ाई करने जा रहा है! यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि अतुल कुमार की हकीकत है, जिसने अपनी लगन और मेहनत से असंभव को संभव कर दिखाया है।

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पहाड़ों में पली-बढ़ीं आंखें, जो नहीं जानती थीं ‘IIT’ का नाम

Atul Kumar Success Story
अतुल कुमार

रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गांव से आने वाले अतुल कुमार का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। एएनआई से बात करते हुए अतुल बताते हैं, “12वीं तक मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी। पहाड़ी इलाकों में ज्यादा जागरूकता नहीं है। मुझे नहीं पता था कि आईआईटी जैसी कोई चीज़ भी होती है।” 12वीं के बाद उन्होंने सीधे कोई प्रवेश परीक्षा नहीं दी, क्योंकि उन्हें मालूम ही नहीं था कि ऐसे संस्थान भी होते हैं।

लेकिन फिर किस्मत ने करवट ली। अतुल को अपने शिक्षकों के माध्यम से पता चला कि वे आईआईटी से मास्टर डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। यहीं से उनके सपनों को एक नई उड़ान मिली।

खच्चरों के बीच IIT की पढ़ाई! कैसे हुई ये ‘अद्भुत’ तैयारी?

अतुल के शिक्षक और दोस्तों ने उन्हें बहुत प्रेरित किया। उन्होंने अपनी तैयारी जुलाई पिछले साल शुरू की, क्योंकि जून में केदारनाथ यात्रा चल रही थी और वे उस दौरान पढ़ नहीं पा रहे थे। अतुल बताते हैं, “मैं गौरीकुंड से यात्रियों को घोड़ों और खच्चरों पर ले जाया करता था।” कल्पना कीजिए, एक तरफ दिन भर शारीरिक श्रम, दूसरी तरफ IIT जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी!

अतुल की प्रेरणा बिल्कुल साफ थी: “मेरा मकसद इस जगह से, इस काम से आगे बढ़ना था।” यही जज्बा था जिसने उन्हें विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानने दी। वे घंटों तक खच्चरों के साथ काम करते, और फिर जो भी समय मिलता, अपनी किताबों में खो जाते।

IIT-JAM 2025 क्रैक, अब आईआईटी मद्रास का ‘टिकट’!

अतुल कुमार की कड़ी मेहनत रंग लाई। उन्होंने आईआईटी-जैम 2025 (IIT-JAM 2025) की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया और आईआईटी मद्रास में एमएससी गणित कार्यक्रम के लिए उनका चयन हो गया है।

इस खबर से उनके गांव और पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ गई है। अतुल कहते हैं, “लोग बहुत खुश हैं कि मैंने परीक्षा पास कर ली। कई लोगों ने मुझे फोन करके बधाई दी है।” अतुल की यह कहानी साबित करती है कि अगर इंसान के हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मुश्किल उसे अपने सपनों को पूरा करने से रोक नहीं सकती। यह सिर्फ अतुल की कहानी नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अभावों में भी बड़े सपने देखने का साहस करते हैं।

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