नई दिल्ली,8 दिसंबर,आज Cash for Query Case में TMC की सांसद महुआ मोईत्रा को अपनी संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा है । दरअसल आज लोकसभा में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट के संसद पटल पर रखे जाने के बाद समित की सिफारिस पर मोईत्रा के खिलाफ ये कार्यवाही हुई ।
Cash for Query विवाद क्या है ?
दरअसल यह लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले पैसा लेने का विवाद है जैसा कि इसके नाम से ही साबित होता है । अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने महुआ मोईत्रा पर यह आरोप लगाया कि उन्होने मुंबई के एक प्रमुख व्यापारिक घराने हीरानंदानी ग्रुप के दर्शन हीरानंदानी से धन और मंहगे उपहार लिए जिसके बदले संसद में उन्होने प्रश्न पूछे । सुप्रीम कोर्ट के उस वकील ने मोईत्रा के खिलाफ FIR करवाने के साथ ही CBI और लोकसभा में इसकी प्रति भी दी ।
उन्होने इसके साथ ही यह आरोप भी लगाया था कि दर्शन हीरानंदानी अपने प्रतिद्वंदी अदानी ग्रुप के मालिक गौतम अदानी से प्रतिद्वंदिता के चलते महुआ मोईत्रा से यह अनैतिक लाभ ले कर अदानी ग्रुप को नीचा दिखाने में लगे थे ।
मामला सामने आने के कुछ दिनों के अंदर ही दर्शन हीरानन्दानी सरकारी गवाह बन गए और उन्होने आरोपों को कबूलते हुए एक हलफनामा दिया जिसमें उन्होने यह माना कि उन्होने महुआ को लाभ पहुंचाया जिसके बदले महुआ मोईत्रा ने संसद की Website पर लॉगिन कर सवाल पूछने के लिए उन्हे अपना Password उपलब्ध करवाया ।
लोकसभा में यह आरोप लगने के बाद लोकसभा अध्यक्ष की ओर से एक संसदीय आचार समिति गठित कर दी गयी, इस समिति ने पूरे मामले की जांच की जिसमें महुआ मोईत्रा दोषी पाई गईं । आचार समित की सिफारिस पर ही आज लोकसभा ने महुआ मोईत्रा की सदस्यता छीन ली ।
कौन हैं महुआ मोईत्रा ?

महुआ मोईत्रा,ममता बनर्जी की पार्टी TMC से 49 वर्षीय सांसद हैं उनका विवादों से पुराना नाता है । 2022 में कोलकाता में हुए एक समारोह में जब एक फिल्म पोस्टर में काली देवी को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था तब उन्होने एक बयान दिया था जिसमें उन्होने कहा था ” मेरे लिए काली एक मांस खाने वाली,शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं । आपको अपनी देवी की कल्पना करने की स्वतन्त्रता है । कुछ जगहें ऐसी हैं जहां देवताओं को व्हिस्की चढ़ाई जाती है और कुछ जगहों पर यह ईश निंदा होगी ”
2009 में राजनीति में आने से पहले वह लंदन में JP Morgan Chase जैसी बड़ी कंपनी में Vice President जैसे बड़े पद पर थीं । इसके बाद उन्होने अपना पद छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया । 2010 में वह कांग्रेस छोड़कर ममता की TMC में चली गईं जहां वो 2016 में विधायक चुनीं गईं । 2019 में TMC ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया जिसमें भी वो विजयी रहीं ।
कौन हैं दर्शन हीरानन्दानी ?

जो लोग भी मुंबई में रहते हैं या आते जाते हैं वो सभी हीरानन्दानी ग्रुप को बहुत अच्छे से जानते होंगे । हीरानन्दानी ग्रुप मुंबई में रियल स्टेट का सबसे बड़ा नाम है । उनके बनाए हुए प्रोजेक्स के फ्लेट में रहना मुंबईकर का सपना होता है । अब यह समूह रियल स्टेट में अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी काम कर रहा है । यह समूह ऊर्जा क्षेत्र,भंडारण क्षेत्र और लोजीस्टिक जैसे अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रहा है । 42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी इस समूह के मुख्य कर्ताधर्ता यानि CEO हैं ।
दर्शन हीरानन्दानी ने अमेरिका के New York स्थित Rochester Institute Of Technology से MBA और B S की डिग्री ली है ।
दर्शन हीरानन्दानी ने अपने हलफनामे में कहा है कि महुआ ने उनसे महंगे तोहफों, अपने निवास की साज सज्जा, विदेशी यात्रा के मंहगे खर्चों आदि के लिए उनसे मदद मांगी ।
महुआ का इस पर कहना है कि उन्होने सिर्फ एक मित्र के नाते उनसे मदद ली ।