IMEC भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण: विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि

नई दिल्ली 4 जून: विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध सचिव, दम्मू रवि ने नई दिल्ली में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह गलियारा एक ट्रांस-कॉन्टिनेंटल कनेक्टिविटी परियोजना है, जिसमें महाद्वीपों में लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता है।

Join Us

IMEC की अहमियत:

दम्मू रवि ने अपने मुख्य संबोधन में बताया कि IMEC सिर्फ एक व्यापार मार्ग नहीं, बल्कि एक व्यापक पहल है जो भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच आर्थिक और सामरिक संबंधों को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना कनेक्टिविटी में सुधार, लॉजिस्टिक लागत को कम करने और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक पहल है।

 * रणनीतिक महत्व: IMEC को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यह भारत को वैश्विक कनेक्टिविटी को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगा और क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में मदद करेगा।

 * आर्थिक परिवर्तन: यह गलियारा भारत के निर्यात को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर, लॉजिस्टिक्स लागत को 30% तक कम करके और परिवहन समय को 40% तक घटाकर आर्थिक विकास को गति देगा। इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने में भी मदद मिलेगी।

 * लोगों के जीवन पर प्रभाव: दम्मू रवि ने रेखांकित किया कि यह परियोजना केवल माल ढुलाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा पाइपलाइनों, डिजिटल बुनियादी ढांचे और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को भी बढ़ावा देगी, जिससे जुड़े हुए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा।

 * भौगोलिक संपर्क: IMEC दो मुख्य खंडों में बंटा है: पूर्वी गलियारा (भारत से खाड़ी तक) और उत्तरी गलियारा (खाड़ी से यूरोप तक)। इसका उद्देश्य बंदरगाहों, रेलवे, सड़कों, समुद्री लाइनों और डिजिटल बुनियादी ढांचे का एक एकीकृत नेटवर्क विकसित करना है।

दम्मू रवि का यह बयान ऐसे समय में आया है जब IMEC परियोजना को गति देने के लिए विभिन्न स्तरों पर राजनयिक प्रयास जारी हैं, खासकर 2023 में इजरायल-हमास संघर्ष के कारण इसमें आई बाधाओं के बाद। भारत इस गलियारे को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह देश के आर्थिक विकास और भू-राजनीतिक संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ साबित होगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *