कौन कहता है अब लखनऊ में नबाब नहीं रहे नबाबी नहीं रही ? सरकारी महकमे में लखनऊ में ही नहीं हर जगह नबाब मिल जाएँगे भले वो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही क्यों न हों, उनके खर्चे उनके आलीशान मकान,गाड़ी,रहन सहन देख सुन आप दंग रह जाएँगे । ऐसा ही एक मामला लखनऊ विकास प्राधिकरण का सामने आया है ।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अशोक श्रीवास्तव को 2010 से 2021 के बीच 31लाख 24 हजार 42 रुपये वेतन मिला इस अवधि में उसने 61 लाख 57हजार 834 खर्च किए । इसी को कहते हैं आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया । गृह विभाग के आदेश के बाद जांच में यह खुलासा हुआ ।
लखनऊ विकास प्राधिकरण में बेलदार के पद पर कार्यरत है अशोक श्रीवास्तव । कर्मचारी पर लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है ।