लखनऊ, 26 दिसंबर। उत्तर प्रदेश को one trillion dollar economy बनाने का सपना देखने वाली योगी सरकार ने वर्ष 2023 में अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि जल्द ही यह सपना हकीकत की शक्ल लेने वाला है।
सीएम योगी की विजनरी नीतियों और कुशल प्रबंधन के फलस्वरूप प्रदेश में अब तक 40 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। वर्ष 2023 के फरवरी महीने में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन के उपरांत प्रदेश में निवेश की सतत प्रक्रिया जारी है। इससे प्रदेश में एक करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
मुख्य बिन्दु :
- साल 2023: 40 लाख करोड़ का निवेश, 1 करोड़ से ज्यादा रोजगार अवसरों का सृजन
- उत्तर प्रदेश में व्यापक निवेश के साथ ही औद्योगिक परिवेश में परिवर्तन का साल रहा वर्ष 2023
- सीएम योगी के विजन ने प्रदेश के समेकित विकास का मार्ग किया प्रशस्त, राज्य के हर जिले में औद्योगिक गतिविधियों में आई तेजी
- ललितपुर बल्क ड्रग पार्क, उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरीडोर, पूर्वांचल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, लखनऊ एआई सिटी व बुंदेलखंड में नए औद्योगिक शहर के विकास का मार्ग हुआ प्रशस्त
- फॉर्च्यून लिस्ट में शामिल दुनिया की टॉप 500 कंपनियों में से 14 की बढ़ी उत्तर प्रदेश में उपस्थिति, योगी सरकार की निवेश व औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियां बनीं जरिया
इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का कार्य भी तेजी से जारी है और वर्ष 2024 के शुरुआती महीनों में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) 2024 के प्रथम चरण के जरिए 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने की तैयारी है। आइए, जानते हैं उन परियोजनाओं के बारे में जिन्होंने वर्ष भर सुर्खियां बटोरीं और तेजी से धरातल पर उतरने की ओर अग्रसर हैं ।
Bulk Pharma and Drug Park Lalitpur ::
बल्क फार्मा व ड्रग पार्क ललितपुर के कुल 5 गांवों में 1472 एकड़ में फैले बल्क ड्रग फार्मा पार्क में दो फेज में विकास का खाका खींचा गया है। फिलहाल, पहले फेज के तहत 300 एकड़ क्षेत्र में डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, मैपिंग, सॉयल सैंपलिंग व अवसंरचनात्मक विकास की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है।
Film City Greater Noida :
फिल्म सिटी, लॉजिस्टिक्स पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर, डेडिकेटेड एमएसएमई एपेरेल, हैंडीक्राफ्ट व टॉय पार्क, ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में फिल्म सिटी का विकास विभिन्न चरणों में जारी है। लॉजिस्टिक्स पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, डाटा सेंटर पार्क व इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर्स में निवेशकों को भूमि आवंटन व अवसंरचनात्मक विकास की प्रक्रिया जारी है।
इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर में दिग्गज कंपनियों को संयंत्र स्थापित करने के भूमि आवंटन व अन्य प्रक्रियाओं को पूर्ण करने पर फोकस किया जा रहा है। वहीं, डेडिकेटेड एमएसएमई एपेरल, हैंडीक्राफ्ट टॉय पार्क में इंडस्ट्रियल व कमर्शियल स्पेसेस के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन प्रोजेक्ट्स से संबंधित भूमि आवंटन स्कीम्स व विकास की तमाम प्रक्रियाओं को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्ण किया जा रहा है।
AI City Lucknow :
एआई सिटी, लखनऊ लखनऊ के नादरगंज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिटी के विकास की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) “यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति (यूपीईएमपी)” के अंतर्गत इस प्रस्तावित शहर का विकास करेगा जिसके पहले फेज में 40 एकड़ के लैंड पार्सल में एआई बेस्ड साइबर सिटी का निर्माण किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत आईटी कंपनियों के लिए ग्रेड-ए सर्टिफाइड कमर्शियल स्पेस, स्टेट ऑफ द आर्ट डाटा सेंटर, ग्रेड-ए फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेस व टेक लैब्स के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। वहीं, कमर्शियल स्पेसेस के साथ लग्जरी व अफोर्डेबल हाउसिंग रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स, रीक्रिएशन एरिया, हरित क्षेत्र समेत कई वर्ल्ड क्लास एमिनिटीज के निर्माण का रास्ता भी साफ होगा।
GIDA Plastic and Toy Park Gorakhpur :
गीडा प्लास्टिक व टॉय पार्क, गोरखपुर गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा प्लास्टिक व टॉय पार्क के विकास की प्रक्रिया भी कई चरणों में जारी है। यहां कई संयत्र स्थापित किए जा चुके हैं जबकि कइयों के विकास का काम जारी है। प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2023 में कई प्लॉट आवंटन स्कीम्स के जरिए इस परियोजना में निवेशकों को संयंत्र लगाने के लिए प्लॉट आवंटित किए गए हैं तथा यहां संयंत्र लगाने वाले निवेशकों को राज्य सरकार की ओर से तमाम प्रोत्साहन व अन्य जरूरी सहूलियतें उपलब्ध कराई जा रही है।
UP Defense Corridor :
उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने व इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर के अंतर्गत ब्राह्मोस मिसाइल्स से लेकर विभिन्न प्रकार के डिफेंस इक्विप्मेंट्स की मैनुफैक्चरिंग आने वाले वर्षों में की जाएगी।
इस उद्देश्य से वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत निर्धारित विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे तथा एयर, वॉटर व सॉयल टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इनके पूर्ण होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2024 में परियोजनाओं को गति मिलेगी।
पूर्वांचल Industrial Corridor :
पूर्वांचल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में 5 एक्सप्रेसवे के किनारे 5800 हेक्टेयर में 30 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स के विकास की प्रक्रिया वर्ष 2023 में शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे इन कॉरिडोर्स का विकास किया जा रहा है। इसमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे 5 साइट्स की 1586 हेक्टेयर भूमि पर 2300 करोड़ रुपए की लागत से पूर्वांचल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का विकास किया जा रहा है।
इसी प्रकार, गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 11 साइट्स की 1522 हेक्टेयर भूमि पर 2300 करोड़ रुपए की लागत से, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे 6 साइट्स की 1884 हेक्टेयर भूमि पर 1500 करोड़ रुपए की लागत से, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे 5 साइट्स की 532 हेक्टेयर भूमि पर 650 करोड़ रुपए की लागत से तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे 2 साइटों की 345 हेक्टेयर भूमि पर 320 करोड़ रुपए की लागत से इंडस्ट्रियल कॉरीडोर्स के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बुंदेलखंड Industral City ( BIDA )
बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल सिटी (बीडा) बुंदेलखंड के विकास को लक्षित करते हुए वर्ष 2023 में झांसी के पास नोएडा के तर्ज पर एक अन्य औद्योगिक शहर व प्राधिकरण के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडा) की शक्ल में इस शहर को झांसी के 33 गांवों की भूमि समाहित कर 35000 एकड़ में बसाने की प्रक्रिया जारी है।
साथ ही, प्राधिकरण के संचालन के लिए प्रशासनिक संगठनात्मक प्रक्रिया भी जारी है। उम्मीद है वर्ष 2024 में यह परियोजना तेजी से धरातल पर उतरने की ओर बढ़ेगी। योगी सरकार द्वारा 5000 करोड़ रुपए की लागत से इस शहर के विकास प्रक्रिया को गति दी जाएगी।
अशोक लेलेंड ई-बस मैनुफैक्चरिंग प्लांट राजधानी लखनऊ में देश के सबसे बड़े कमर्शियल व्हीकल निर्माता कंपनियों में शुमार अशोक लेलेंड की ई-बस मैनुफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना व विकास का कार्य जारी है। उल्लेखनीय है कि सितंबर माह में कंपनी ने सीएम योगी से मुलाकात करके प्लांट लगाने के लिए एमओयू प्राप्त किया था जिसके अंतर्गत 70 एकड़ क्षेत्र में इसका विकास निर्धारित किया गया था। 2025 में होने वाले महाकुंभ में वह राज्य सरकार को यहां निर्मित 5000 ई-बसें उपलब्ध कराएगा। माना जा रहा है कि वर्ष 2024 के मध्य तक यह प्लांट पूरी क्षमता से कार्य करने लगेगा।
फूजी सिल्वरटेक प्लांट जापान की इस कंपनी द्वारा उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश के तहत वर्ष 2023 में संयत्र स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ करार किया था। प्रदेश में नई एफडीआई पॉलिसी का लाभ पाने वाली यह पहली कंपनी बनी थी और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 25 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। यह कंपनी विशिष्ट प्रकार के बड़े कॉन्क्रीट मिक्सर व्हीकल्स बनाती है और उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में संयंत्र का पूरी तरह से विकास करेगी। इस संयंत्र के स्थापित होने से 700 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मुहैया हो सकेगा।