मीडिया साक्षरता का महत्व

मीडिया साक्षरता का महत्व : Why Media Literacy is Your Best Defense In 21st Century

पिछले लेख में हमने जाना था कि Media Literacy या मीडिया साक्षरता क्या है ? आज इस लेख में हम जानेंगे मीडिया साक्षरता का महत्व क्या है ? Why Media Literacy is Your Best Defense ? पिछले लेख का लिंक इस Article के अंत में दिया गया है, इसके साथ ही मीडिया साक्षरता के संबंध में मेरा एक वीडियो भी लेख के अंत में दिया गया है आप उसे भी देख सकते हैं । मीडिया साक्षरता क्या है उसे यहाँ भी संक्षेप में जानते हैं ।

Join Us

मीडिया साक्षरता परिभाषा : Media Literacy Definition :

मीडिया साक्षरता का महत्व
मीडिया साक्षरता क्या है ?

इसको मीडिया साक्षरता परिभाषा कहना कितना न्यायोचित है,कह नहीं सकती लेकिन मीडिया को बेहतर ढंग से जानना, समझना, सजग, सतर्क और संवेदनशील होकर ज़िम्मेदारी के साथ मीडिया का सही इस्तेमाल करना, मीडिया के माध्यम से जो सूचनाएं हम तक पहुंच रही हैं उन सूचनाओं का तर्कपूर्ण ढंग से विश्लेषण करने के बाद ही उन पर भरोसा करना और ज़िम्मेदारी के साथ उन सूचनाओं को दूसरों के साथ साझा करना यही मीडिया साक्षरता है ।

फेक न्यूज के नुकसानों के बारे में खुद के साथ साथ अपने परिवार के लोगों, अपने साथियों और अपनी कम्युनिटी को भी सजग और सतर्क बनाना, मीडिया द्वारा परोसे जा रहे कंटेंट पर अपने साथियों, कम्युनिटी के लोगों,और संभव हो तो विषय विशेषज्ञों के साथ सतत सार्थक संवाद करना, मीडिया साक्षरता या Media Literacy है ।

मीडिया को कौन चला रहा है, मीडिया पर मालिकाना हक़ किसका है, मीडिया मालिकों के अपने निहित स्वार्थ क्या हैं, मीडिया द्वारा परोसी जा रही ख़बरों का बारीकी से अवलोकन करना; ख़बर की भाषा, प्रस्तुति का तरीका, इस्तेमाल किए गए विजुअल्स, सोर्स, ख़बर का एंगल, ख़बर का कॉन्टेक्स्ट क्या है आदि के साथ साथ स्पष्ट तस्वीर के लिए ख़बरों के फॉलोअप को भी जानना और समझना मीडिया साक्षरता  के तहत आता है।

मीडिया साक्षरता का महत्व :

मीडिया साक्षरता का महत्व
मीडिया साक्षरता का महत्व

 मीडिया “प्रोजूयमर” बनाती है मीडिया साक्षरता :

ऐक्टिव प्रोजूयमर यह अच्छी तरह से जानते हैं कि किस मीडिया का कब, कहां, कितना और कैसे इस्तेमाल करना है। ऐक्टिव प्रोजूयमर माइंडफुल मीडिया कंजप्शन के साथ साथ रिस्पॉन्सिबल मीडिया कंटेंट का प्रोडक्शन करते हैं, वो डांसिंग, टिक टॉक वीडियो या बिना सिर पैर की रील देखने में ना तो अपना समय बिगाड़ते हैं और ना ही ऐसे वीडियो या कंटेंट बनाने में अपनी ऊर्जा और समय खराब करते हैं।

मीडिया साक्षरता का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह  हमें देश, दुनियां और हमारे आसपास घट रही घटनाओं को तटस्थ होकर देखने, सोचने, समझने और ज़रूरत के अनुसार तार्किक निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है ।

Media Literacy हमें आगाह करती है कि हमें धार्मिक, राजनैतिक, क्षेत्रवाद, जातिवाद जैसी भावनाओं को आधार बनाकर भेजी जाने वाली सूचनाओं से प्रभावित हुए बगैर विवेकपूर्ण ढंग से स्वतंत्र और निष्पक्ष फैसला लेना आना चाहिए ताकि हम किसी प्रोपेगंडा का शिकार ना हों।

जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाती  है मीडिया साक्षरता :

मीडिया लिट्रेट व्यक्ति अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा बेहतर ढंग से कर सकता है, अपने मताधिकारों को लेकर सचेत रहता है, किसी के बहकावे में आने के बजाए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेता है कि उसे किस प्रत्याशी को वोट करना है। स्वतंत्र रूप से नागरिकों के तार्किक और बौद्धिक निर्णय लेने की क्षमता किसी भी लोकतंत्र के अस्तित्व में बने रहने की पहली शर्त है।

जिस देश की जनता सत्ता से सवाल जवाब नहीं करती, जो कुछ उन्हें बताया जा रहा है उसे चुपचाप आंख मूंदकर स्वीकार कर लेती है, वहां लोकतंत्र ख़ुद ब ख़ुद तानाशाह तंत्र में तब्दील हो जाता है।

Media Literacy  किसी भी लोकतंत्र की प्राणवायु है जो सत्ताधारियों को जवाबदेही के लिए निरंतर आगाह करती रहती है साथ ही लोकतांत्रिक देश का नागरिक होने के नाते हमें भी हमारी जिम्मेदारियों, अधिकारों और कर्तव्यों का बोध कराती रहती है।

मीडिया साक्षरता से आप क्या समझते हैं ?

मीडिया साक्षरता का महत्व

मीडिया लिट्रेसी स्किल्स आज की डिजिटल दुनियां के तौर तरीकों को जानने समझने के लिए बहुत जरूरी है ताकि हम डिजिटल दुनियां के एटिकेट्स जिन्हें “नेटीकेट” कहा जाता है उनका पालन करने के साथ साथ अपनी साइबर सुरक्षा, साइबर वेलबींग, डिजिटल आइडेंटिटी, डिजिटल फुटप्रिंट को लेकर सजग रहें और सही अर्थों में “नेटीजेन” बन पाएं ।

इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हम महज़ मनोरंजन के लिए ही न करें बल्कि अपने ज्ञान को बढ़ाकर नॉलेज सोसायटी का हिस्सा बन पाने, ऑनलाइन कम्यूनिटीज से जुड़कर सार्थक संवाद स्थापित करने, खुद के लिए बेहतर अवसर तलाश करने, अपनी प्रतिभा और हुनर को दुनियां के सामने लाने, इंटर कल्चरल संवाद को बढ़ावा देने के लिए भी करें ।

डिजिटल मीडिया का उपयोग मुख्यधारा की मीडिया के समानांतर जनता की भागीदारी वाले मजबूत और निष्पक्ष वैकल्पिक मीडिया को खड़ा कर पाने, डिजिटल डिटॉक्स से बचने आदि के लिए भी किया जाना चाहिए।

Media Literacy  या मीडिया साक्षरता हमें मीडिया की असीमित क्षमताओं के साथ साथ इसके खतरों से भी अवगत कराती है।

सूचना क्रान्ति के दौर में मीडिया साक्षरता का महत्व बहुत ज्यादा :

हम जिस मीडियेटेड वर्ल्ड में रह रहे हैं वह “वूका वर्ल्ड” है जो वोलेटाइल यानि क्षणभंगुर, अनसर्टेन यानि अनिश्चित, कॉम्प्लेक्स यानि जटिल है, और जहां बहुत ही एंबीगुटी यानि अस्पष्टता है, क्लैरिटी नहीं है। वूका वर्ल्ड में कोई दावा नहीं कर सकता कि आने वाले दस सालों में दुनियां किधर जाएगी, जो तकनीक आज पॉपुलर है हो सकता है आने वाले समय में उसका नामो निशान तक मिट जाए।

यहां सब कुछ अनिश्चित और क्षणभंगुर है। ऐसे में यह जानना और भी जरूरी हो जाता है कि हम सूचना क्रांति के इस दौर में हम तक पहुंच रही सूचनाओ को लेकर सजग और सतर्क रहें।

एक ऐक्टिव मीडिया कंज्यूमर की तरह यह जानने की कोशिश करें कि जो सूचनाएं हम तक पहुंच रही हैं उनका सोर्स क्या है, सूचना भेजने वाले का इंटेंशन क्या है, वो हम तक क्या संदेश पहुंचाना चाहता है, मीडिया मालिकों के अपने हिडेन एजेंडा क्या हैं, किस तरह की सूचनाओ को हाईलाइट किया जा रहा है और किन खबरों को दबाया जा रहा है या नजरंदाज किया जा रहा है आदि और यह हुनर हम में मीडिया लिट्रेट होने पर ही आएगा इसलिए आज के दौर में मीडिया लिट्रेट होना बहुत ज़रूरी है।

मीडिया साक्षरता का महत्व ; Conclusion :

हमें और आपको मीडिया से भले ही कोई लेना देना ना हो पर मीडिया के लिए आप और हम बहुत एहमियत रखते हैं। मीडिया के लिए कैश क्रॉप की तरह हैं हम, उसकी अटेंशन इकोनॉमी का केन्द्र बिंदु हैं हम। हम मीडिया के हाथों की कठपुतली ना बन जाएं इसलिए हमारा मीडिया साक्षर होना आज समय की मांग है।

मीडिया साक्षरता की  ज़रूरत सिर्फ मीडिया के विद्यार्थियों और मीडिया शिक्षकों को ही नहीं है बल्कि उन सभी लोगों को है जो मोबाइल, इंटरनेट, अखबार, टीवी चैनल, रेडियो, सिनेमा, सोशल मीडिया आदि का इस्तेमाल करते हैं फिर चाहे वह पढ़ा हो या अनपढ़ा।

मीडिया प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हम सबको प्रभावित करता है। वो कहते हैं ना पैसिव स्मोकिंग ऐक्टिव स्मोकिंग से ज़्यादा खतरनाक है ठीक वैसा ही है पैसिव मीडिया कंजप्शन इसलिए वक्त रहते सजग हो जाएं और मीडिया लिट्रेसी की ओर क़दम बढ़ाएं।

संबन्धित लेख :
संबन्धित वीडियो :

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *